Sunday, October 11, 2009

गंगा जमुनी संस्कृति को समझो मेरे हिन्दुस्तानी मित्र!!!

मेरे दिन की शुरुआत आबिदा परवीन की गाई कबीर बानी से शुरू होती है. नुशरत फतह अली खान एवं ए आर रहमान का मैं जबरदस्त प्रशंसक हूँ.. आमिर खान और दिलीप कुमार मेरे सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं की सूची में हैं. मैं शाहरुख़ को पसंद करता हूँ और सलमान खान के परिवार को इस देश के लिए एक आदर्श परिवार... मुझे सितारवादक रविशंकर और अनुष्का शंकर के साथ साथ सरोदवादक अमजद अली खान और उनकी न्रत्यांगना पत्नी शुभलक्ष्मी एक कलाकार के रूप में बेहद पसंद है. आमिर खान और शाहरुख़ खान की पत्नियाँ हिन्दू है, और ऋतिक रोशन और सुभाष घई की पत्नियाँ मुस्लिम समाज से सम्बन्ध रखती हैं, ये लोग अपने अपने धर्म का पालन करते हुए भी एक साथ जीवन व्यतीत कर रहे है, इनकी पत्नियाँ स्वतंत्र है. मैंने अभी तक नहीं पढ़ा या सुना कि धर्म के कारण इनमे कभी कलह हुई हो... इन सब प्रत्यक्ष उदाहरणों के बाद भी देश में साम्प्रदायिक दंगे होते रहते हैं...

किसी भी देश की संस्कृति किसी की व्यक्तिगत बपौती नहीं होती. समय के साथ साथ इसमें बदलाव होता है. कई संस्कृतियों के मेल से एक संस्कृति का जन्म होता है. और वह संस्कृति समय के साथ फलती फूलती रहती है. जब किसी संस्कृति में कट्टरता के तत्व आ जाते हैं तो वह संस्कृति स्वतंत्रता में बाधक बन जाती है. और वहीँ से उसका पतन शुरू हो जाता है. संस्कृति का मूल स्वभाव लचीला होता है...हमारी संस्कृति ही गंगा जमुनी है.

जब जगजीत सिंह अपनी मधुर आवाज में निदाफाजली और बशीर बद्र को सुनाते हैं, जब पॉँच वक्त की नवाज पढने वाले मुहम्मद रफी गाते हैं "वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया सबकी आँखों का तारा " या नौशाद की धुन पर "मन तरपत हरि दर्शन को आज " तो आपको कौनसा धर्म याद रहता है..?.

जब इस्मत चुगताई प्रथ्वी राजकपूर की एक झलक पाने के लिए बेताब रहती हैं. जब अमृता प्रीतम साहिर लुधियानवी के ख्वाबों में खोई रहती हैं. जब नरगिश राजकपूर से प्रेम करती है. और सुनील दत्त बिना भेदभाव के नरगिश से शादी कर लेते है. जब प्रसिद्द कहानीकार नासिरा अपने नाम के साथ शर्मा जोड़ कर नासिरा शर्मा लिखतीं हैं. जब प्रसिद्द साहित्यकार एवं महाभारत के संवाद लेखक राही मासूम रजा की बहु स्वयं को लिखती है पार्वती खान और जब कोई इंदिरा पारसी युवक फिरोज से विवाह करती है,और महात्मा गाँधी उसका समर्थन करते है. तब इस देश की संस्कृति गौरवान्वित होती है और मनुष्यता सम्मानित....

बुद्ध महावीर कबीर के देश में हम किसी एक धर्म की अंगुली पकड़ कर नहीं चल सकते. धर्म का अर्थ ही होता है धारण करना अर्थात जो ग्रहण करने योग्य हो, इस तरह यह बिलकुल व्यक्तिगत वस्तु है. जिस धर्म में जो बात अच्छी है उसे अपनाना बुरा नहीं है. लेकिन कोई कहे की वैष्णव धर्म ही महान है या इस्लाम धर्म सर्वश्रेष्ठ है. तो आज के युग में यह बात स्वीकार योग्य नहीं है.

कोई सा भी धर्म न तो बड़ा है.और न छोटा . यदि इसलाम शांति और अमन की बात करता है.तो उपनिषद भी बसुधैव कुटुम्बकम और सत्यमेव जयते का उदघोष करते हैं. असल में सारा झगडा गलत तालीम दूषित राजनीति, फिरकेपरस्ती का है. जिन लोगों के गले में धर्म के ढोल टंगे हुए हैं. वे कहीं न कहीं किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं या धार्मिक गुटबंदी और फिरकापरस्ती के शिकार हैं...

मेरे एक ब्लोगर मित्र ने एक बहुत प्यारी बात कही है. कि "आप अपने धर्म का प्रचार करें, उससे हम भी कुछ सीखेंगे लेकिन दुसरे धर्म को नीचा दिखा कर नहीं. " यदि आपको धर्म की बुराइयाँ ही गिनानी हैं तो पहले अपने धर्म का सूक्ष्म अवलोकन करें यदि यह संभव नहीं है. तो अपने समाज की ही छानबीन करलें यह बात सभी धर्मों के लिए समान रूप से है..

फिल्म लेखक सलीम खान का घर भारतीय परिवार का एक आधुनिक फार्मूला है. उनके परिवार में सभी धर्म के लोग शामिल हैं . सलीम के ही शब्दों में " क्या कठमुल्ले और धर्मांध लोग जानते हैं कि सलमान की माँ एक महाराष्ट्रियन हिन्दू है. और सलमान का एबिलिकल कार्ड उसकी माँ से जुडा हुआ है! उसकी माँ अपने घर से रुखसत लेकर इस घर में आई तो जरूर, मगर अपने माँ बाप, भाई बहन , रिश्तेदार और अपने धर्म को छोड़ कर नहीं. सलमान ने अपनी माँ के धर्म की इज्जत करना उसकी गोद में ही सीखा है. यही हर मजहब सिखाता है. वह आगे कहते हैं..... मुझसे किसी ने पूछा आप लोगों का आखिर मजहब क्या है? मैंने बताया कि जब कार का जोर से ब्रेक लगता है और हम किसी खतरनाक एक्सीडेंट से बाल बाल बच जाते है,तो मेरे मुंह से बेसाख्ता निकलता है- अल्लाह खैर, मेरी बीवी के मुंह से निकलता है अरे देवा! और मेरे बच्चों के मुंह से साथ साथ निकलता है, ओह, शिट! यही हमारी फेमिली के नेशनल इंटीग्रेशन का एक छोटा सा फार्मूला है.."

क्या ऐसा ही फार्मूला पूरे देश में लागू नहीं हो सकता????

10 comments:

Sachi said...

मेरे ख्याल से इतने अच्छे पोस्ट के बाद तालिबानियों को समझाने की जरुरत नहीं है|

अफ़लातून said...

इस पोस्ट को और आपको सलाम ।

रूपम said...

सच है हम सब यहाँ इंसान से ज्यादा कुछ भी नहीं....
अब ये तो आदमी खुद ही सोच बना लेता है, की वो किसी जाती या धर्म से सम्बन्ध रखता है और कारन ये होता है की वो खुद नहीं जानता की वो खुद है क्या ,
लोगो को सच याद दिलाने के लिए धन्यवाद और साथ में शुक्रिया भी .......

Vinashaay sharma said...

बिलकुल सही,अनेकता में एकता का हमारा देश एक मिसाल है, बस कुछ धर्मान्ध लोग इसको बदनाम कर रहें हैं ।

मुनीश ( munish ) said...

Organisation of ISLAMIC Countries, an association of 56 countries, has passed a resolution demanding freedom of Kashmir and appointed a special envoy to look into the matter .
Is there Ganga-Jamuni fellow opposing them ?

प्रवीण said...

.
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रामकुमार अंकुश जी,
बेहतरीन और बेहद सटीक लिखा है आपने...
शायद इस को पढ़ कर सद् मति जागृत हो सबकी...
इसी आशा के साथ...

Mumukshh Ki Rachanain said...

मुझसे किसी ने पूछा आप लोगों का आखिर मजहब क्या है? मैंने बताया कि जब कार का जोर से ब्रेक लगता है और हम किसी खतरनाक एक्सीडेंट से बाल बाल बच जाते है,तो मेरे मुंह से बेसाख्ता निकलता है- अल्लाह खैर, मेरी बीवी के मुंह से निकलता है अरे देवा! और मेरे बच्चों के मुंह से साथ साथ निकलता है, ओह, शिट! यही हमारी फेमिली के नेशनल इंटीग्रेशन का एक छोटा सा फार्मूला है.."

एक ही फॅमिली में मतैक्य नहीं तो पूरे देश में कैसे संभव. जिसको जैसे संस्कार मिले उसकी प्रतिछाया ही तो परिलक्षित होगी, हमें भासा, विवाद, धर्म विवाद की बाते ही नहीं करनी चाहिए, दुसरे का सम्मान ही नॅशनल इन्तेग्रेशन की और बढ़ने का सर्वश्रेष्ठ कदम है.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Anonymous said...

एक जरूरी बात...
पुरजोर तरीके और नये अंदाज़ से कही हुई...

शुक्रिया....

अजय कुमार said...

kaas sab log aisa sochate

vikas mehta said...

BAT ME DAM HAI PAR EK BAT BTAIYE APNE KHA DHARN KARNA HI PARKARTY HAI AAP MUJHE KOI ISLAMIC DESH BATAIYE JHA HINDU DHARM KO DHARN KIYA GYA HO OR ME BATA HOO APKO HINDU DESH AFGANISTAN PAKISTAN BANGLADESH BALI IN SABHI DESHO KI YAhi khani hai or is khani se hi bharat ka batna shuru hota hai AAP SOCH RHE HOGE KASE TO USKE LIYE PUNJAB SINDH BLUCHISTAN BANGAL KO HI LIJEYA YE SABHI RAJYA HINDUSTAN KE ABHINN ANG HUA KARTE THE LEKIN AAJ YE SABHI RAJYA ISLAMIC DESH BAN GYE HAI HAMARI SANSKRITY KEHTI HAI ATITHY DEVO BHAVAH HAMNE APNE DESH ME ARABI LOGO KO JAGAH DI PAR ORANGJEB JASE LOGO NE TALWAR KE BAL PAR HINDUO KO MUSLMAN BANAYA ABB AAP BTAIYE ISE DHARN KARNA KHENGE DHARAN APNI ICHHA SE KIYA JATA HAI TALWAR OR PASO KE BAL PAR DABAV KHA JATA HAI ABB MANE AAPKO HINDU RASHTRO KI JANKARI DI ABB AAP BATAIYE KOI BHI 1 ISLAMIC RASHTRA JHA ISLAM KA DHARMANTARAN KAR HINDU RASHTRA BNA HO.......................................................................................................................................................PLZ ANS ME